सबके पाँवों को रस्ते आसान नहीं देते ।
भगवन सारे भक्तों को वरदान नहीं देते।
दहलीजों पर चहल–पहल होती बड़भागों के
हर दरवाजे पर दस्तक मेहमान नहीं देते ।
मन के अच्छे लोग लाड़ले सबके हो जाते
मँहगे घर–कपड़े हमको पहचान नहीं देते ।
संतोषों की खटिया पर मिलतीं निधड़क नींदें
लालच के बिस्तर सुख की मुस्कान नहीं देते।
इस बस्ती का भाईचारा साबुत है अब भी
लोग यहाँ के अफवाहों को कान नहीं देते।
जिज्ञासा का पार्थ चाहिये भक्ति–भाव–रथ पर
कृष्ण सभी को तो गीता का ज्ञान नहीं देते ।
राजनीति की लंका में हम आ पहुँचे शायद
दूर–दूर तक दिखलाई इंसान नहीं देते ।
भगवन सारे भक्तों को वरदान नहीं देते।
दहलीजों पर चहल–पहल होती बड़भागों के
हर दरवाजे पर दस्तक मेहमान नहीं देते ।
मन के अच्छे लोग लाड़ले सबके हो जाते
मँहगे घर–कपड़े हमको पहचान नहीं देते ।
संतोषों की खटिया पर मिलतीं निधड़क नींदें
लालच के बिस्तर सुख की मुस्कान नहीं देते।
इस बस्ती का भाईचारा साबुत है अब भी
लोग यहाँ के अफवाहों को कान नहीं देते।
जिज्ञासा का पार्थ चाहिये भक्ति–भाव–रथ पर
कृष्ण सभी को तो गीता का ज्ञान नहीं देते ।
राजनीति की लंका में हम आ पहुँचे शायद
दूर–दूर तक दिखलाई इंसान नहीं देते ।
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