आग में उसके हृदय की दह सको तो।
बात उस तक जायगी जो कह सको तो।
पीर तो बँटती नहीं पर खुशी होगी
हाथ मेरा इस घड़ी तुम गह सको तो।
साथ मेरे स्वप्न बुनने चले आना
पत्थरों में हकीक़त के डह सको तो।
महकती हैं बुरी–अच्छी सभी यादें
वर्क–ए–जीस्त सलीके से तह सको तो।
आसमां तक हूँ खड़ा मैं तुम्हारे संग
तुम ज़मीं तक मेरी खातिर ढह सको तो
नेह से बनते हैं घर ईंटों से नहीं
झोपड़ी भी है महल गर रह सको तो।
बात उस तक जायगी जो कह सको तो।
पीर तो बँटती नहीं पर खुशी होगी
हाथ मेरा इस घड़ी तुम गह सको तो।
साथ मेरे स्वप्न बुनने चले आना
पत्थरों में हकीक़त के डह सको तो।
महकती हैं बुरी–अच्छी सभी यादें
वर्क–ए–जीस्त सलीके से तह सको तो।
आसमां तक हूँ खड़ा मैं तुम्हारे संग
तुम ज़मीं तक मेरी खातिर ढह सको तो
नेह से बनते हैं घर ईंटों से नहीं
झोपड़ी भी है महल गर रह सको तो।
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